लेखनी कहानी -09-Sep-2022 मानव धर्म

मानव धर्म

मानवता रखे जो मानव मन में वह ही है सच्चा मानव,
जीवन की राहों में अटके रोड़े हटा जिए निज जीवन।

औरों का दुख दर्द जो समझे रखकर रहम जो दिल में,
सदा सुखी रहता वह जग में जीवन बने उसका सुखद।

बन हैवान कभी मत जीना जीवन है बड़ा अनमोल,
कोटि कोटि योनि तजकर मिलता है मानव जीवन।

करो दया जीवों पर और जरुरत मंदों की मदद करें,
भला बुरा जान के 'अलका' सब जीवों की मदद करें।

रखती मानवता है दिल में परोपकार का भाव रखें,
बन करके निर्भीक निडर ये सज्जनता के साथ रहें।

अलका गुप्ता'प्रियदर्शिनी'
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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13 Comments

Waahhhh लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Achha likha hai 💐

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Kaushalya Rani

09-Sep-2022 09:05 PM

Nice post

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